Not known Facts About bhairav kavach

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भीषणो भैरवः पातु उत्तरस्यां तु सर्वदा

ಪಾಣೀ ಕಪಾಲೀ ಮೇ ಪಾತು ಮುಂಡಮಾಲಾಧರೋ ಹೃದಮ್

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।



साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।

उदरं च स मे तुष्टः क्षेत्रेशः पार्श्वतस्तथा

कुरुद्वयं लिङ्गमूले त्वाधारे वटुकाय च ॥ more info ११॥





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उन्मत्तभैरवः पातु हृदयं मम सर्वदा ॥ १७॥

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